मैं एक मुसलमान हूँ और मेरा परयास रहता हे कि इस्लाम के सम्बन्ध में फैली गलतफहमियों को दूर करूँ , क्यों कि इन गलतफहमियों के कारण नफरतें बढती हें ,जो समाज में दूर्याँ बढाती हें, मेरा परयास रहता हे कि गैर मुलिम भाइयों को इस्लाम के सम्बन्ध में जो एतराजात हें उन्हें दूर किया जाए , जो मुस्लमान होने के नाते मै अपनी ज़िम्मेदारी समझता हूँ ,परन्तु अजीब बात हे कि यहाँ कुछ ऐसे देशबंधु भी हें जिन्हें हर इस्लाम की बात मे पाकिस्तान नज़र आता हे ,और हर इस्लाम की बात करने वाला या इस्लाम पर एतराजों का जवाब देनेवाला पकिस्तान का एजेंट , यह लोग कितने सब्भ्य हें कितने महान विचारों के हें , इनकी भाषाशैली कितने ऊँचे पैमाने की हे क्या आप उसकी एक झलक देखना चाहेंगें ? अगर हाँ तो आइये में आप को एक महान बंधू से मिलवाता हूँ ,जिन्होंने मेरे ब्लॉग पर मेरे एक लेख पर टिपप्णी करते हुए क्या क्या लिखा हे ,उसे पढ़ये , और अंदाज़ा कीजिये की जब आदमी के पास जवाब नहीं होता और हटधर्मी उसकी घुट्टी मे पड़ी होती हे तो वह कितनी घटया मानसिकता का परिचय देसकता हे ,,
Sunday, September 5, 2010
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