भंडा जी आदाब
पवित्र कुरान २/२६ में कहा गया है कि इस कुरान के द्वारा बहुत से लोग गुमराही तलाश करते हैं और बहुत से इसी के द्वारा हिदायत पाते हैं ,भंडा जी ने पहला विकल्प चुना हे ,उन्हें कुरान में गुमराही ही गुमराही दिखाई पड़ती हे , असल बात यह हे कि आँखों पर जब हरा चश्मा लगा हो तो सब कुछ हरा ही दिखाई देता है ,वः लिखते है कि इस्लाम की शिक्षा के कारण कई देश बर्बाद हो गए और करोंड़ों लोग मारे गए ,भंडा भाई तुम जो लिखदो ,व्ही इतिहास हो ,एसा नहीं है ,आइए इस सम्बन्ध में आप को कुछ जानकारी दी जाए ,
मुहम्मद साहब के जीवन काल में उनके कुछ आप जैसे शुत्रुओं ने भारी सेना लेकर और दूर दूर से आ आ कर उन पर और उनके साथियों पर मदीने में युध्धात्मक हमले किये हें ,मुहम्मद साहब ऐसे मोकों पर ऐसी जंगी रणनीति अपनाते थे ,जिस से कम से कम इंसानी जानों का नुकसान हो ,जेसे शहर के चारों ओर खंदक खुद्वादेना जिस से शत्रु फोज अन्दर न आ सके ,आदि ,आदि , इस का परिणाम यह हुआ कि आप के पूरे जीवन काल में जितने भी युद्ध हुए ,उन सब में एक हज़ार से भी कम जाने गईं ,असल में आप का इतिहास कमज़ोर हे वर्ना आप ऐसे बातें न करते ,अगर आप इतिहास पढ़ते तो आप को पता चलता कि कई देश कहाँ बर्बाद हुए और करोड़ों लोग कहा मारे गए , परन्तु आप को नहीं पता तो चलिए मैं बताता हूँ ,
यह तो आप को पता ही होगा कि रामायण और महाभारत दोनों युद्ध इतिहास हें , क्या आप जानते हें कि इन युद्धों में कितने योद्धा शरीक थे और उनमें से कितने मारे गए ,शायद नहीं , चलिए मैं बताता हूँ ,केवल महाभारत के युद्ध में अट्ठारह (१८) अक्श्वनी शरीक थी ,ग्यारह (११) कोरों की और सात७ पांडों की,और से और एक अक्श्वनी में ३१८७० रथ सावर २१८७० हाथी सावर ६५६१० घोड़े सवार और १०९३५० पैदल सिपाही होते हें ,
जोड़ लिजीए कितने देशों को बर्बाद किया होगा इस युद्ध ने ,
और अब यह बात कि इस युद्ध में कितने लोग मारे गए .
सुनीए भंडा जी ,महाभारत के अनुसार
यह युद्ध १८ दिन चला था और एक दिन का इंसानी जानों के नुकसान का ओसत सवा नो करोड़ प्रति दिन था ,भीष्म के हाथों से रोजाना 10000आदमी मारे जाते थे ..,,
तो काहिए भंडा जी किसने करोड़ों को मरवाया? ,,हमने या आपने ,,, किसने कई देशों को बर्बाद करवाया ? हमने या आपने ,,,,
Friday, November 5, 2010
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yh lafz yh lahja yh zubaan kon sunega
ReplyDeletetum dasht men dete ho azaan kon sunega
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ReplyDeletetum dasht men dete ho azaan kon sunega
थोड़ा इल्म और ग़लत इल्म से इंसान का दिमाग़ के साथ किरदार भी खराब हो जाता है सही इल्म इंसान को बुलन्दियों पर ले जाता है वही ग़लत इल्म जमाने मे ठोकरे खिलवाता है !
ReplyDeleteअक्सर ऐसे लोग हे जो गलत इल्म और अपने बदअमल की वजह से जमाने में रुसवा हुए अपनी नाकामी को छुपाने के लिए इस्लाम को बदनाम करने का नारा लगा देते है !
are jnaab bhnda ji kaa bhndaa fod kr hi pichaa chodoge . rashtriy tyohar dipaavli ki kmubarkbad. akhtar khan akela kota rajsthan
ReplyDelete१- ये लोग गुमराह हैं . यह लोग अल्लाह के नाम की मजाक उड़ाते हैं , इस्लाम की मज़ाक़ उड़ाते हैं और फिर यह भी कहते हैं कि हम तो इस्लाम को भी सच मानते हैं .
ReplyDeleteअरे भाई जब इस्लाम को सच मानते हो तो उसका पालन करो
या
कम से कम उसका मज़ाक़ तो मत उड़ाओ , लेकिन अगर इन्होने इस्लाम कि मज़ाक़ उड़ानी छोड़ दी तो फिर इनके आर्यसमाजीपने का क्या होगा ?
आर्यसमाजीपने का मतलब है दयानंद जी की तरह इल्म न होने के बावजूद मजाक उड़ना सत्य का और फिर 'मुक्ति' से निराश होकर मर जाना .
२- आज कल फेसबुक से कुछ नए पंछी उतरे हैं . उनमें एक है mindwassup , इसका भी यही तरीका है . यही sunil guri बनकर दिव्या जी को गलियां बकता रहा मेरे और अनवार साहब के ब्लाग पर . यह बेचारे झल्लाए हुए हैं.
भंडा जैसों की बातों का कोई मतलब नहीं होता. भला झूट की दीवार पे खाले होके,नफरत के बीज बोने वालों की बात भी कोई सुनता है..
ReplyDeleteसर,
ReplyDeleteक्या महाभारत अथवा रामायण का युद्ध "हिन्दुत्व" के प्रचार या किसी पुस्तक में कही गई बातों को जबरिया मनवाने के लिये हुआ था?
jaysa khay ann waysa ho mn jo log pesab pina apne majhb ki shan samjhte ho unse behtr bat or behtr vichar ki ummid q karte hai aslam sahab jb inke pariwar me bhe akta nahi hai har sakhs sirf apne matlab ki bat karta h ak kahta h mai hanuman ji ki puja karta hu q ki wh pahlwani karta h dusra laxmi ji ki puja karta h wh dhan jutana chahta h tisra sarswti ka wh dansar ya sangitkar banna chahta h chotha bhole sankar ka pujari wh sarab pita h panchwa kanhya ji ki wh ladkion ya orton se asiki karna chahta h jab ki islam me apki bhasa koi bhi ho rang kaysa b ho nagrik chahe kisi desh k ho jb do musalman milen or puchen ak dusre se k kiski ibadat karte ho har musalman ka zawab sirf yahi hoga allah sirf allah ki ibadat karte h inka to subha badalte hi bhagwan badl jata h kahi ka malik ram or sita kahi gadpati babba kahi kali mata kahi durga or kahi ka wandkeswram kahi par b bhajan kirtan sun lo sirf bhagwan ki kirpa bharat k hinduon p hi hoti h wh b uchi jation par hi jab ki khuda sare aalam ka malik h n k kisi ak khas desh ya jagh ka tabhi to rababul almin kahlata h n ki rababul muslmin agar har desh ya ilake ka khuda alag hota to kahi k insan ki sakal bandar jaysa kahi kutte billi shar hathi ghoda gadha chuha wagerh jo ki in logon k yahan to koi badi bat nahi h y sab to inke dewta h agar dunia k do khuda b hote to ak kahta suraj purab se niklega dusra kahta paschim se unme aapas me dhisum dhisum hota tb dunia dhadm bhadam ho jati dekho in bewkufon ko khuda ne insan ko mahan yani asrful makhlukat banaya or y ban gay gadhe apni kimat ko nahi pahchan rahe bewkuf jab ki krishan ji gita me farma rahe hai insan janam se nahi karam se banta h tuchch ya mahan jb doctar ka beta doctar nahi sakta ya injiniyr ka injiniyr bina karam k to dada pardada jis rah p chale the usi rah p chalna wh b bina soche samjhe kaha ki akalmandi h kisi b awtar ne kabhi khud ki puja karne ko nahi kaha aaj k liy itna hi kafi bakai fir likhunga insaallah pahli bar likh raha hu khuda in bewkufon ko hidayt de or apko hosla or hak ki rah p tarkki aamin
ReplyDeletebahut khub
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteBhut khoob
ReplyDeleteThis comment has been removed by a blog administrator.
ReplyDeleteMindwassup Aryasamaji ! अगर मेरे सवालों का संबंध धर्म से है ही नहीं और वे बेकार हैं तो दयानंद जी ने इन सवालों के जवाब क्यों लिखे सत्यार्थ प्रकाश में ?
ReplyDeleteक्या वह बेकार की बातें किया करते थे ?
लगता है आपने सत्यार्थ प्रकाश ही नहीं पढ़ा अभी तक ?
नियोग को अधर्म कहने से भी यही पता चलता है ।
आर्य समाज की प्रौपर्टी पर क़ब्ज़ा पाकिस्तान ने नहीं बल्कि आर्य समाजियों ने कर रखा है , उसे तो बचाया न जा सका , देश बचाएंगे ?
ऊल जलूल बातों के अलावा कुछ नहीं आता आर्य समाजियों को , यह बात एक बार फिर साबित हो गई है ।
पोस्ट के सवालों के जवाब सत्यार्थ प्रकाश में हैं, शायद मुझे ही सामने लाने पड़ेंगे क्योंकि आपने तो उसे पढ़ा नहीं लेकिन मैंने पढ़ा है ।
शूद्र ही साबित हुए न ?
भांडा जी का भांडा फूट गया कृपया इस ब्लॉग लिंक पर जाये -
ReplyDeletehttp://keedemakode.blogspot.com/2011/09/blog-post.html
are bharat desh ki raksha me bhi to lakho logo ne apne prano ki aahuti di hai to kya woo sab galat ho gaye ??????
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