भंडा जैसे बे श्रम और बे हयाओं की भी दुनिया में कमी नहीं हे ,एसा लगता हे कि यह किराए के टट्टू हें और इसी कमाई के वेतन से बसर ओकात करते हें ,झूठे इल्जामों और बोह्तनों के लिए भी समय चाहिए , इस के आलावा बे शर्म आँखें और बे हया दिल भी ,जो इन के पास पर्याप्त मात्रा में हे , इन की गत पोष्ट का शीर्षक हे , मुहम्मद का लिंग चमतकार , इन बे शर्म और बे हया नकटों को अपनी नाक तो नज़र आती नहीं , चले हें दूसरों की हसी उड़ाने , चंद बे हूदा , बे बुन्याद बे तुकी मन घडत बातें लिख कर अपने मन को संतुष्ट करने वालों को कभी अपनी कटी फटी नाक भी देख लेनी चाहिए , इस भांड पण्डे ने लिंग की बल अल्लाह के पियारे रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व् सल्लम के हवाले से की हे ,परन्तु इसे अपने ही घर के मंदिरों का शिव लिंग नज़र नहीं आया जिस की आकर्ती इस प्रकार की हे ,की शिव का लिंग पारवती की योनी में गड़ा हुआ हे और रात दिन इसी पोजीशन में उस की पूजा होती हे बाप और बेटी ,मां और बेटा एक साथ इस नग्न अश्लीलता को शोक से पूजते हें . , इन बेशर्मों को शिव पुराण की वह हजारों इबारतें नहीं दिखतीं जो निम्न पारकर की हें .
बरह्मा ने धुंए को ध्यान से देखा तो उस में शिव लिंग नज़र आया , जिस की लम्बाई इतनी थी की ब्रह्मा उसकी लम्बाई का पता लगाने को हंस बनकर ऊपर को उड़ा और और विष्णु सुआर बनकर पाताल को गया ,दस हज़ार साल तक दोनों दोड़ा किये,, पर उस की इनतिहा को न पहुंचे ,
और इन कमबख्तों को यजुर वेद के वह मन्त्र नजर नहीं आते जिन में यग्गों में लिंग का पर्योग है , यह मन्त्र देखें,,,,
यजमान की स्त्री घोड़े के लिंग को पकड़ कर अपनी योनी में डाले ,
देखे यजुर वेद २३ /२०
महीधर भाष्य प्रष्ट ३७८
इन हरामजादों को कृष्ण की रखेल नज़र नहीं आती ,जिसे राधा कहते हैं ,जो हर जगह ,कृष्ण की बराबर मे कूला मटकाए खड़ी नज़र आती है , इन्हें यह नज़ नहीं आता कि कृष्ण ,अपनी पत्नी रुकमनी को छोड़ कर पराई महिला अर्थात राधा रखेल के साथ रास लीला मनाता था ,,, इन्हें अपनी यह सब्भ्यता नज़र नहीं आती कि इनके यहाँ आशिक व् माशूक भी पूरी शरद्धा से पूजे जाते हैं ,,,, खुदा इन्हेंह सदबुद्धि दे ,,,
सूवर देखा है.. गन्दगी की ओर ही भागता रहता है....
ReplyDeleteकुत्ते की पूछ देखी है.. हमेशा टेढ़ी ही रहती है....
क्यों होता है ऐसा क्योंकि आदत होती है...
ReplyDeleteगौर फरमायें कि आदतें ऐवें ही बदलतीं.. ये जीन्स में शामिल होती हैं..
अपनी बदलें दुनिया बदली लगेगी...
Ghandhi ji wrote about Dayanad and Satyarth Prakash
ReplyDeleteI have profound respect for Dayanand Saraswati. I think that he has rendered great service to Hinduism. His bravery was 'unquestioned. But he made his Hinduism narrow. I have read Satyarth Prakash, the Arya Samaj Bible. Friends sent me three copies of it whilst I was residing in the Yarvada Jail. I have not read a more disappointing book from a reformer so great. He has claimed to stand for truth and nothing else. But he has unconsciously misrepresented Jainism, Islam, Christianity and Hinduism itself. One having even a cursory acquaintance with these faiths could easily discover the errors into which the great reformer was betrayed. He has tried to make narrow one of the most tolerant and liberal of the faiths on the face of the earth. And an iconoclast though he was, he has succeeded in enthroning idolatry in the subtlest form. For he has idolised the letter of the Vedas and tried to prove the existence in the Vedas of everything known to science. The Arya Samaj flourishes, in my humble opinion, not because of the inherent merit of the teachings of Satyarth Prakash, but because of the grand and lofty character of the founder.
Hindu Revivalism and Education in North-Central India
http://dsal.uchicago.edu/books/socialscientist/text.html?objectid=HN681.S597_209_006.gif
गांधी जी अपने अख़बार ‘यंग इंडिया‘ में लिखते हैं-
ReplyDelete‘‘मेरे दिल में दयानन्द सरस्वती के लिए भारी सम्मान है। मैं सोचा करता हूं कि उन्होंने हिन्दू धर्म की भारी सेवा की है। उनकी बहादुरी में सन्देह नहीं लेकिन उन्होंने अपने धर्म को तंग बना दिया है। मैंने आर्य समाजियों की सत्यार्थ प्रकाश को पढ़ा है, जब मैं यर्वदा जेल में आराम कर रहा था। मेरे दोस्तों ने इसकी तीन कापियां मेरे पास भेजी थीं। मैंने इतने बड़े रिफ़ार्मर की लिखी इससे अधिक निराशाजनक किताब कोई नहीं पढ़ी। स्वामी दयानन्द ने सत्य और केवल सत्य पर खड़े होने का दावा किया है लेकिन उन्होंने न जानते हुए जैन धर्म, इस्लाम धर्म और ईसाई धर्म और स्वयं हिन्दू धर्म को ग़लत रूप से प्रस्तुत किया है। जिस व्यक्ति को इन धर्मों का थोड़ा सा भी ज्ञान है वह आसानी से इन ग़लतियों को मालूम कर सकता है, जिनमें इस उच्च रिफ़ार्मर को डाला गया है। उन्होंने इस धरती पर अत्यन्त उत्तम और स्वतंत्र धर्मों में से एक को तंग बनाने की चेष्टा की है। यद्यपि मूर्तिपूजा के विरूद्ध थे लेकिन वे बड़ी बारीकी के साथ मूर्ति पूजा का बोलबाला करने में सफल हुए क्योंकि उन्होंने वेदों के शब्दों की मूर्ति बना दी है और वेदों में हरेक ज्ञान को विज्ञान से साबित करने की चेष्टा की है। मेरी राय में आर्य समाज सत्यार्थ प्रकाश की शिक्षाओं की विशेषता के कारण प्रगति नहीं कर रहा है बल्कि अपने संस्थापक के उच्च आचरण के कारण कर रहा है। आप जहां कहीं भी आर्य समाजियों को पाएंगे वहां ही जीवन की सरगर्मी मौजूद होगी। तंग और लड़ाई की आदत के कारण वे या तो धर्मों के लोगों से लड़ते रहते हैं और यदि ऐसा न कर सकें तो एक दूसरे से लड़ते झगड़ते रहते हैं।
(अख़बार प्रताप 4 जून 1924, अख़बार यंग इंडिया, अहमदाबाद 29 मई 1920)
bakwas idhar bhi bakwas Udhar bhi
ReplyDeletebakwas idhar bhi bakwas Udhar bhi
ReplyDeletebakwas idhar bhi bakwas Udhar bhi
ReplyDeleteआपको बड़े दिनों बाद ब्लॉग में देखा अच्छा लगा , अच्छा होता कुछ अच्छी बातें की होती
ReplyDelete@ क़ासमी साहब ! भाई B. N. SHARMA जी एक चतुर आर्य समाजी हैं । वे इस्लाम के खिलाफ लिखते हैं ।
ReplyDeleteउनके जवाब में आप लिखते हैं लेकिन प्रमाण देते हैं उन पुराणों से जिन्हें मानते हैं हमारे सनातनी भाई ।
ग़लती कोई आर्य समाजी करे और बुरा भला सुनें बेचारे सनातनी , यह कहाँ का न्याय है साहब ?
आप शर्मा जी को जवाब शौक से दें लेकिन दलीलेँ आप आर्य समाजी साहित्य से पेश कीजिए ।
ReplyDeleteआपने लिखा है कि भारत में घोड़े अरब से आया करते थे । दशरथ महाराजा ने
ReplyDeleteयज्ञ कराया तो एक घोड़े की बलि माँ कोसल्या ने दी थी ।
क्या वह घोड़ा भी अरबी ही था ?
रामायन में लिखा है कि एक दर्जन से अधिक बराहमनों के कहने पर कोसल्या ने
मरे अरबी घोड़े का लिंग काटकर ऐसी जगह दे लिया जो कि बनी ही लिंग के लिए
है !
तब जाकर राम प्रभु पैदा हुए ।
अरब के मुसलमान भी दुनिया से सच्चाई छिपा रहे हैं कि भारत से उनका संबंध
है और आप लोग भी यह छिपा रहे हैं कि अगर अरबी घोड़ा न होता तो राम प्रभु
का भी अस्तित्व न होता ।
उसी अरबी घोड़े का आभार दर्शाने हेतु लखनऊ में घोड़े का जलूस हर वर्ष
निकाला जाता है ।
कोई नहीं बताता ये बातें , अब आप बताना ।
खोल दो सबकी पोल ।
http://awyaleek.blogspot.com/ par bhi is upar wale comment ke parkashit hone ki smbhawana hai http://awyaleek.blogspot.com/2010/11/muhammad-himself-was-hindu-and-kaaba.html
ReplyDeleteसनातनी भाई आम तौर पर मुसलमान बादशाहों से चिढ़ते हैं लेकिन इस्लाम को या मुस्लिम बुजुर्गों को गालियाँ नहीं देते । वे इस्लाम का , दरगाहों का और मस्जिदों का सम्मान करते हैं । इसलिए आपको और मुझे कोई ऐसी बात नहीं कहनी चाहिए जिससे सनातनियों का दिल दुखे ।
ReplyDeleteसाले लिखने का तुझे शऊर नहीं है/ शर्म और श्रम में तुझे अन्तर तक नहीं पता और बताता है अपने आपको डाक्टर/
ReplyDeleteसाले दो कोडी के इन्सान नाली के कीडों की जमात खुद को लेखक समझते हैं/
लिखने का तुझे शऊर नहीं है/ शर्म और श्रम में अन्तर तक नहीं पता और बताता है अपने आपको डाक्टर/ खुद को लेखक समझते हैं/
ReplyDeleteहैडिंग में शर्म आपने ठीक लिखा, कुछ प्रेकटिस किया किजिए फिर आपको गूगल ट्रांसलिटरेशन में टाइपिंग आ जाएगी
ReplyDeleteकुछ गूगल की टाइपिंग में कमी कुछ हिन्दी की विज्ञानता परदा, पर्दा, प्रदा, परदः लिखो सब ठीक है
ReplyDeleteभावार्थ आपका तो ठीक है किन्तु आपके शब्दचयन सही नहीं है
ReplyDeleteएक हिन्दू भाई को खुद अपने धर्म के बारे में नहीं पता ,
अगर कानून को पहचानना या जानना हो तो उसके पालन करनेवालों से नहीं जाना जाता
उसकी किताबे पढ़ी जाती हैं , उसी प्रकार धर्म को जानना हो तो धर्म की पढ़ाई की जाए नाकि उस धर्म के अनुयायी की चाहे वो कोई धर्म हो
अनवर जमाल जी
ReplyDeleteअपने लिखा है कि भंडा पंडित आर्य समाजी है और मैं उस के जवाब में पुरानों को पेश करता हूँ ,असल में आप समझे नहीं ,मेरा भंडा से यह कहना हे कि ,कि दूसरों का भंडा फोड़ने वाले bhande पहले अपने घर की तो सुध ले ,क्यों कि आर्य हों या सनातनी यह सब एक मां बाप की अवलाद हें
कुछ दोस्तों ने टाइपिंग पर एतराज़ किया है ,मैं उन से कहना चाहूँगा कि यह मेरा प्रोफैशन नहीं,,, कि,,, मैं इस में सुधर करता फिरों मेरा काम भंडा जैसे पंडों को आइना दिखाना है जो मैं भली भांति कर लेता हों ,,, बस मुझे इतना ही काफी है
ReplyDeleteThis comment has been removed by a blog administrator.
ReplyDeleteजनाब आपने किस बात के जवाब में यह सब कुछ लिखा है इसका मुझे पता नहीं लेकिन इतना मैं समझ गया कि किसी गली में भौंकने वाले .... ka जवाब दिया होगा जिसकी बिलकुल भी ज़रुरत नहीं थी. यह अमल आप जैसी शानदार शख्सियत के मालिक की शायाने शान नहीं है.
ReplyDeleteमेरी नई पोस्ट ''भारत में इस्लामी शासन व्यवस्था सभी समस्याओं का एकमात्र हल'' आपके तास्सुरात का इंतज़ार कर रही है. टिपण्णी से मशकूर फरमाएं, इनायत होगी.
http://haqnama.blogspot.com/
ये हरामजाद पाकिस्तानी शरीफ खान इन असलम जैसे भडुओ से मिल कर जेहाद कर रहे है . समय आने पर इन को मज़ा जरुर चिखा देंगे .
ReplyDeleteकोन सी बात kahan कैसे कही जाती है
ReplyDeleteये सलीका हो तो हर बात सुनी जाती hai
LAGTA HAI KI AAP LOGO KO JHOOT LIKHNE KI AADAT KURAN SE MILA HAI. JIS HINDU KITABO KA AAP LOG HAWALA DE RAHE HAI SHAYAD WAH JAMA MASJID ME CHHAPA JATA HAI.MAINE BACHPAN SE APNI SABHI DHARAM GRANTHO KO PADTE AA RAH HOO KAHI PER AISI BAT NAHI PAYA JO AAP KAH RAHE HAI.KYA MOHAMMAD AIYAS,BALATKARI AUR HINSAK NAHI THA. YADI ISLAM KOI DHARAM HOTA TO USKO MUSALMAN BANANE KE LIYE ITNI NEECHTA KYO KARNI PADI.SALMAN RASDI NE 'KURAN. KO "SHAITAN KI AAYATE" KYO KAHA.JIS MA NE AAP KO JANAM DIYA USE AAP KE KURAN ME KHETI KAHA JATA HAI...MUNNA C.G
ReplyDeleteshivling teri ma ki chut me mat daal dena nahi to ...
ReplyDeleteइन बे शर्म और बे हया नकटों को अपनी नाक तो नज़र आती नहीं की नाक थी कब जो बचेगी???
ReplyDeleteतथाकथित स्वामी नित्यानंद
ReplyDeleteएक दक्षिण भारतीय अभिनेत्री रंजीता के साथ सेक्स करते कैमरे में कैद किए गए नित्यानंद के नए कारनामे सामने आ रहे हैं।
सूत्रों की मानें, तो ये तथाकथित स्वामी ‘प्राचीन तांत्रिक रहस्यों’ की शिक्षा देने और उनके प्रयोग के लिए अपने आश्रम में आने वाली महिलाओं से ‘सीक्रेट सेक्स एग्रीमेंट’ करता था। इस समझौते के अनुसार, महिलाओं को नग्नता और सेक्स के लिए सहमति जतानी होती थी। अपने अश्लील फोटो खींचने की अनुमति देनी पड़ती थी। साथ ही उन्हें इस बात की सख्त हिदायत दी जाती थी कि इस बात को वे आश्रम से बाहर ने ले जाएं।
32 साल के नित्यानंद को सोलन में चार अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया था और उसे बेंगलुरू ले जाया गया था। अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने उससे कुछ घंटे तक पूछताछ की थी, लेकिन विस्तृत जानकारी प्राप्त नहीं हो सकी।
सीआईडी के सूत्रों ने कहा कि कई महिला कार्यकर्ताओं ने ‘खुलासा नहीं करने वाले’ समझौते पर स्वैच्छिक तौर पर हस्ताक्षर किए थे, जो नित्यानंद के बिदादी आश्रम में अनैतिक सेक्स के कारोबार को दर्शाता है।
सूत्रों ने कहा है कि नित्यानंद को शनिवार को उसके आश्रम ले जाए जाने की संभावना है। मामले की जांच कर रही सीआईडी आश्रम के कंप्यूटर और हार्ड डिस्क जब्त कर चुकी है।
इसी साल मार्च में एक टीवी चैनल द्वारा सेक्स वीडियो दिखाए जाने के बाद विवादों में घिरे कथित धर्मगुरू स्वामी नित्यानंद के राज धीरे-धीरे खुलते जा रहे हैं। साल 2006 में स्वामी के शोषण का शिकार हुई एक युवती ने सीआईडी को दिए बयानों में स्वामी का जो चेहरा उजागर किया है।
यही नहीं अगस्त 2006 से दिसंबर 2006 तक स्वामी के साथ रही इस युवती ने स्वामी की अमेरिका के राज उजागर किए हैं। महिला के अनुसार संस्था के लॉस वेगास आश्रम में यात्रा के दौरान स्वामी जींस टी शर्ट पहनकर स्ट्रिप क्लब जाता था। वहां वो महिलाओं का नंगा नाच देखता था। श्रद्धालुओं के पूछने पर स्वामी कहता था कि उसकी लोकप्रयिता इतनी बढ़ चुकी है कि अगर वो साधु वेश में जाएगा तो पहचान लिया जाएगा।
स्ट्रिप क्लब से लौटने के बाद उसने युवती से कहा था कि वो रेड लिपिस्टिक, स्ट्रिप क्लब की लड़कियों की तरह सेक्सी कपड़े खरीद ले और उसके साथ ऐसा ही करे। स्वामी ने युवती से खास तौर पर लाल रंग की लिपस्टिक लगाने और सेक्सी कपड़े पहनने का आग्रह किया था।
यही नहीं युवती के अनुसार वो बेंगलुरु स्थित ध्यानपीठ आश्रम में उससे शराब लाने के लिए कहता था। ध्यानपीठ में बनाए गए स्वामी के नियमों के मुताबिक आश्रम में शराब लाना मना था। इसलिए उसने युवती से कहा था कि वो इस बारे में किसी को न बताए।
यह हैं इनके आदर्श :
ब्रह्मा शिव की शादी में प्रोहित का कार्य करे तो पार्वती का पैर खुल जाए तो बरह्मा उसका सुन्दर पैर देख कर अस्खलित हो जाए तो वह धर्म गुरु कैसे हो सकता है?
वेद व्यास जंगल से आए ओर कोरों व् पाडुओं की माताओं को गर्भवती कर जाए तो वह धर्म गुरु कैसे हो सकता है?
पवन देवता हनुमान जी की माता के पास आएं ओर उन्हें देख कर उन पर मोहित हो जाएं व्यभिचार कर के उन्हें गर्भवती बना दें तो वह धर्म गुरु कैसे हो सकता है?
पांच पुरुष एक पतनी रखें, और जुआं खेलें ओर जुवे में पतनी को भी दाँव पर लगाएँ ओर मदिरा का सेवन करे तो वह धर्म गुरु कैसे हो सकता है?
पिता ओर पुत्र एक ही पतनी से सम्भोग करे तो वह धर्म गुरु कैसे हो सकता है?
बरह्मा जब अपनी बेटी पर ही मोहित होजाए ओर उस के पीछे भागे ओर अस्खलित हो जाए तो वह धर्म गुरु कैसे हो सकता है?
मुनि गोतम जानकी अप्सरा को नग्न देख कर अस्खलित हो जाएं और अपना वीर्य सरकंडों में रख दें जिस से वेद शास्त्र्रों के ज्ञाता गुरु किर्पचारी पैदा हों तो वह धर्म गुरु कैसे हो सकता है?
जब इंद्र गोतम की पत्नी अहल्लिया से व्यभिचार करें तो वह धर्म गुरु कैसे हो सकता है?
बरहम ऋषि शिवामित्र मेनका के साथ संपर्क करें तो वह धर्म गुरु कैसे हो सकता है?
मित्रा मुनि उर्वशी अप्सरा को देख कर काम वासना से पीड़ित हों ओर अपना वीर्य घड़े में छोड़ दें जिस से म्र्म् गमुनिव्शिष्ट पैदा हों तो वह धर्म गुरु कैसे हो सकता है?
भांडा जी का भांडा फूट गया कृपया इस ब्लॉग लिंक पर जाये -
ReplyDeletehttp://keedemakode.blogspot.com/2011/09/blog-post.html
अब कुछ और बाते वेदों में पृथ्वी खडी है
ReplyDeleteयह बात चौथी कक्षा का विद्यार्थी भी जानता है कि यह घूमती है लेकिन वेदों में लिखा पृथ्वी खडी है
यः पृथ्वी व्यथमानामद्रहत् यः जनास इंद्रः--- ऋ. 2/12/2
अर्थात है मनुष्यो, जिसने कांपती हुई पृथ्वी को स्थिर किया, वह इंद्र है
वेदों का घूमता सूर्य
प्रारंभिक स्कूल का विद्यार्थी भी जानता है सूर्य वहीं खडा है वेदों में सूर्य को रथ पर सवार होकर चलने वाला कहा गया है
उदु तयं जातवेदसं देवं वहन्ति केतवः,
दृशे विश्वाय सूर्यम ----- ऋ. 1/50/1
अर्थात सूर्य प्रकाशमान है और सारे प्राणियों को जानता है. सूर्य के घोडे उसे सारे संसार के दर्शन के लिए ऊपर ले जाते हैं
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ReplyDeletekisi bhi dharm ke bare mai itna aslil khhna galat baat hai.
ReplyDeletesharm to aap ki ani chahiye jo ye baat likh rahe hai
Are behna ke lode teri biwi bhi chudwati hai praye mardo se ...mene bhi choda hai usse kahega to ghar par uski film bhej dunga magar mujhe pata hai ki tu fir usse marega
ReplyDeleteisliye me esa nahi karna chahta?
aayesha bhi dusre mardo se chudwati thi kyuki mohmaad me to himmat nahi thi sala na mard tha aur rahega bhi aakhir behan ke lode ne lund hi katwa liya tha
kahi koi usse lund kattta na bulaye isliye ek pratha shuru kar di islaam me ki har muslim ko lund katwana jaruri hai nahi to vo ashud rahega to salo apna pet katwao jo pishab tumhare pet me rahata hai
behan ke lodo peshab ke theli baand lo aur apni behno ko hamare liye chod do puri tarah se santusht karege koi shikayat ko moka nahi denge maderchodo
haram khor ki aulad क़ासमी...........suver ke bacche............
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